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अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया (आखा तीज) [वैशाख शुक्ल तृतीया]

उसका महत्व क्यों है और जानिए आज ही के दिन कि कुछ महत्वपुर्ण जानकारियाँ:

अक्षय वट-प्रयाग में संगम के पास राम सीता रहे थे । स्वयम् माँ पार्वती ने वृक्ष लगाया। उसको सीतामाता ने अक्षयहोनेका वरदान दिया।

🕉 ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण।

🕉 माँ अन्नपूर्णा का जन्म।

🕉 चिरंजीवी महर्षी परशुराम का जन्म हुआ था इसीलिए आज परशुराम जन्मोत्सव भी हैं।

🕉 कुबेर को खजाना मिला था।

🕉 माँ गंगा का धरती अवतरण हुआ था।

🕉 सूर्य भगवान ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया।

🕉 महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।

🕉 वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना गणेश जी के साथ शुरू किया था।

🕉 प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था।

🕉 प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण धाम का कपाट खोले जाते है।

🕉 बृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में श्री विग्रह चरण के दर्शन होते है।

🕉 जगन्नाथ भगवान के सभी रथों को बनाना प्रारम्भ किया जाता है।

🕉 आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्तोत्र की रचना की थी।

🕉 अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय (नाश) न हो!!!

🕉 अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है....!!!

 

अक्षय रहे सुख आपका,😌

अक्षय रहे धन आपका,💰

अक्षय रहे प्रेम आपका,💕

अक्षय रहे स्वास्थ आपका,💪

अक्षय रहे रिश्ता हमारा 🌈

 

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